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Tuesday, 27 February 2018

RIGHT AND REALITY OF PNB SCAM , IDENTIFY TO REAL SCAMMER




PNB SCAM क्या है किसने किया और किसने साथ दिया वैसे स्कैम के खुलासा होते ही सबने पीएम पर आरोप लगाया पर क्या ये आरोप सही है या नीरव मोदी का मददगार कोई और है कुछ तथ्यो पर नजर डालिए देखिये आखिर नीरव मोदी ने क्या गड़बड़ की और किसकी मदद से की।

कौन है नीरव मोदी 
इस  स्कैम का मुख्य सूत्रधार नीरव मोदी है जो 2017 मै फोर्ब्स के अनुसार नीरव मोदी भारत का 57th रिच पर्सन था नीरव मोदी बेल्जियम मे पढ़ा बढ़ा। जब वह 19-20 साल का था तो उसकी फैमिली ने उसे उसके मामा मेहुल चोकसी जो गीतांजलि ग्रुप के ओनर है उनके पास डायमंड का बिजनेस समझने के लिए मुंबई भेज दिया डायमंड बिजनेस समझने के बाद नीरव मोदी ने 1999 मे फायर स्टार डायमंड कंपनी शुरू की कुछ साल बाद अपना स्वंय का ब्रांड नीरव मोदी स्टार्ट किया कई हॉलीवुड स्लेव्स नीरव मोदी के ज्वेलरी ब्रांड के फैन है।

इस स्कैम में  जो फाइनेंसियल  इंट्रूमेंट यूज़  किया गया वो था बायर्स  क्रेडिट 
मतलब आयात किये हुए सामान का फौरन पेमेंट करने के लिए फौरेन ब्रांच से शार्ट टर्म के लिए लोन लेना।
क्या है बायर्स क्रेडिट 
माना आपका डायमंड बिजनेस है और आपने किसी देश से डायमंड का आर्डर दिया और सप्लायर्स को पे करने के लिए बायर्स इसके लिए बायर्स क्रेडिट लेते है यानी किसी बैंक की विदेशी ब्रांच से शार्ट टर्म के लिए  लोन लेते है

इम्पोर्टर सप्लायर को पे करने के लिए  बायर्स क्रेडिट इसलिए लेते है क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मे बिजनेस डील मे कई बार इम्पोर्टर और सप्लायर्स एक दूसरे को जानते भी नही है

ऐसे मे ट्रेड  को ट्रांसपेरेंट रखने के लिए  बैंक को शामिल किया जाता है जब सप्लायर्स डील के अनुसार माल सप्लाई करता है तो बैंक इम्पोर्टर की तरफ से सप्लायर्स को पेमेंट करता है

और इस तरह बैंक की वजह से बायर्स और सेलर्स के बीच ट्रांसपेरेंट लेन देन होता है फौरन बैंक से लोन लेने से ब्याज दर भी कम रहती है जैसे अगर आपने किसी दूसरे देश के सप्लायर्स को डायमंड के आर्डर दिए है
तो सप्लायर्स आपको उस आर्डर की इनवायस भेजेगा उस सप्लायर्स को पे करने के लिए  अगर आपको बायर्स क्रेडिट लेना है तो उसके लिए  आपको अपने लोकल बैंक को अप्रोच करना पड़ेगा और बैंक के ऑफिसर्स को आर्डर की इन्वायस और जरूरी दस्तावेज दिखाकर बायर्स क्रेडिट के लिए  एप्लाई करना होगा माना आप पीएनबी के पास बायर्स क्रेडिट के लिए गए। तो पीएनबी आपके दस्तावेज और क्रेडिट वर्थ चेक करेगी अब अगर आपको सप्लाई के लिए  १०००करोड़ का पे करना है तो पीएनबी आपको सेक्योरिटी डिपाजिट करने या कुछ  राशी गिरवी रखने के लिए कहेगी क्योकि अगर आप डिफाल्ट करते हो या लोन पे नही करते हो तो ये १०००करोड़ रू पीएनबी को व्याज के साथ  विदेशी बैंक को रिपे करने होंगे क्योकि यहाँ पर पीएनबी इम्पोर्टर और विदेशी बैंक के बीच मध्यस्त का काम कर रही है और  उसके  लिए  उसे कुछ  कमीशन मिलता है आपसे कोलैटरल लेने के बाद पीएनबी विदेश के जिस बैंक के साथ डील कर रहा है उसे LOU ( लैटर ऑफ़ अन्डरटेकिंग) इसू करता है यह एक गारंटी होती है जिसके जरिये पीएनबी यानी इम्पोर्टर की बैंक फौरन बैंक को गारण्टी देती है उन्हे उस लोन का प्रिंसिपल राशी व्याज के साथ  तय किए गए  समय पर चूका दी जाएगी अगर इम्पोर्टर डिफाल्ट करता है तो इम्पोर्टर की बैंक को ये राशि फौरेन बैंक को देना होगा तो किसी भी बैंक की  फौरेन ब्रांच इम्पोर्टर की बैंक के एल ओ यू के अनुसार इम्पोर्टर को बायर्स क्रेडिट  देती है
अगर आप एक्सिस बैंक के हांगकांग ब्रांच से बायर्स क्रेडिट लेते हो तो पीएनबी एक्सिस बैंक की हांगकांग ब्रांच को एल ओ यू इसू करेगी और SWIFT ( society of worldwide financial intetbank telecommunications ) के जरिये  एक्सिस बैंक के हांगकांग ब्रांच को इम्पोर्टर को बायर्स क्रेडिट देने को कहेगी swift एक सिक्रेट मैस्जिंग नेटवर्क की तरह होता है जिसके जरिये  बैंक एक दूसरे को निर्देश देती है इसके बाद बैंक ट्रांजैक्शन प्रक्रिया शुरू करते है पीएनबी का swift मिलते ही एक्सिस बैंक बायर्स क्रेडिट को पीएनबी के नोस्ट्रो अकाउंट  मे ट्रांसफर कर देगी इंडियन बैंक का किसी फौरेन बैंक मे जो एकाउंट होता है उसे नोस्ट्रो एकाउंट कहते  है

कांट्रेक्ट की डीलिंग के अनुसार माल की डिलीवरी होने के बाद पीएनबी अपने नोस्ट्रो अकाउंट से १०००करोड़ सप्लायर्स को रिलीज कर देगी और फिर इम्पोर्टर को ये एक हजार करोड़ रू इन्टरेस्ट के साथ दिये हुए  टाइम मे पे करना होगा उसके बाद पीएनबी ये रू व्याज के साथ एक्सिस बैक के फौरेन अकाउंट को ट्रांसफर करेगी अगर इम्पोर्टर ये अमाउंट पे  नही करता है तो पीएनबी को ये अमाउंट ब्याज  के  साथ  एक्सिस बैक को पे करना होगा क्योकि पीएनबी ने एल ओ यू के जरिये बैंक को इम्येपोर्टर के रिपेमेन्ट की गारंटी दी थी।

स्कैम 
डायमंड मर्चेंटर नीरव मोदी पीएनबी की मुम्बई के ब्राडी हाउस ब्रांच से इम्पोर्टिंग की बायर्स क्रेडिट के लिए अप्रोच करता था और पीएनबी के कुछ आफिसर्स के साथ मिलीभगत करके सिक्योरिटी डिपाजित दिए बिना गलत तरीके से पीएनबी के उन ऑफिसर्स से एक्सिस और इलाहाबाद बैंक के हांगकांग ब्रांच के फेक एल ओ यू जारी करवाता था और इस तरह से पीएनबी के उन दो ऑफिसर्स ने करीब ग्यारह हजार करोड़ के नकली एल ओ यू इसू करके नीरव मोदी की कम्पनी के लिए बायर्स क्रेडिट अरेंज किया जब कोई बैंक एल ओ यू इसू करती है तो उस एल ओ यू को बैंक के कोर बैल्यू सेल्यूसन यानि सीवीएस मे एंट्री करती है

लेकिन पीएनबी के दोनो ऑफिसर्स ने सीवीएस मे एंट्री किए बिना एल ओ यू इसू किये पीएनबी के ऑफिसर्स  swift के जरिये एक्सिस और इलाहाबाद बैंक के हांगकांग ब्रांच को  नीरव मोदी कम्पनी के लिए बायर्स क्रेडिट के निर्देश देते थे swift जिसके जरिये बैंक एक दूसरे को लिंक भेजते है वो सामान्यता सीवीएस से लिंक रहता है पर पीएनबी के केस मे swift सीवीएस से लिंक नही था और इस बात का ही फायदा उठाया गया swift को सीवीएस से लिंक न होने की वजह से और एल ओ यू की  सीवीएस मे एंट्री न होने की  वजह से पीएनवी के कंट्रोलर और ऑडिटर्स को गलत तरह से इसू किये गए एल ओ यू की पता नही चल सका।

जनवरी 2018 मे जब नीरव मोदी की कम्पनी ने पीएनबी को बायर्स क्रेडिट अरेंज करने को कहा लेकिन तब उन दो ऑफिसर मे एक जो डिप्टी मैनेजर था वो रिटायर हो चूका था तो उनके जगह पर नए मैनेजर आए थे  तो उस नए मैनेजर ने उन्हे जितने अमाउंट की बायर्स क्रेडिट चाहिए था उतना कैश बैंक के पास गिरवी रखने को कहा उसपर नीरव मोदी की कंपनी ने बैंक से कहा कि वह पहले भी बैंक से कई बार बिना कोलैटरल बायर्स क्रेडिट ले चुके है तो इसलिए उन्हे बिना कोलैटरल के बायर्स क्रेडिट दिया जाए। जिसका बैंक ऑफिसर्स को नीरव मोदी के पुराने बायर्स क्रेडिट का बैंक के सीवीएस मे कोई रिकार्ड मही मिला।
और इसपर थोड़ा डिटेल इनंवेस्टीगेशन करने के बाद पीएनबी को ये स्कैम का पता चला और साथ ही ये पता चला कि ये स्कैम 2011 से जारी है किसी भी बायर्स क्रेडिट का पेमेंट नीरव मोदी की कंपनी ने नही किया है जिसकी जिम्मेदारी अब पीएनबी पर आ गयी है उसके बाद पीएनबी ने सीबीआई से मिलकर नीरव मोदी उसके भाई निशल मोदी और बीबी एमी मोदी और मामा मेहुल चौकसी पर जो सभी उनकी कम्पनी मे पार्टनर थे सबके खिलाफ कम्पलेंट दर्ज कर दी

स्कैम ओपन होने के बाद पीएनबी और गीतांजलि ग्रुप के शेयर लगातार गिर रहे है ED ने 15 फरवरी को नीरव मोदी के घर ऑफिस आउटलेट की 17 जगह पर रेड करके 5100 करोड़ के असेस्ट जप्त किये है पीएनबी ने दूसरी कम्पलेंट मे गीतांजलि ग्रुप की कंपनी के नाम है जिसके बाद गीतांजलि ग्रुप कंपनी के 20 लोकेशन पर रेड की गयी।



सीबीआई ने जब पीएनबी के पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी सहित तीन लोगो को गिरफ्तार किया है तो उन्होंने खुलासा किया है प्रयेक LOU के जारी होने से पहले रिश्वत मिलती थी और ये राशी LOU की अमाउंट के आधार पर तय होती थी जिसका बँटबारा प्रक्रिया मे शामिल सभी कर्मचारियों मे बराबर होता था शेट्टी ने रिटायरमेंट से पहले नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की कंपनी को एक  साथ कई LOU जारी किये थे ताकि वे एक साल तक बिना किसी अड़चन के पैसा निकालते रहें। यहाँ तक की नीरव मोदी और  मेहुल चौकसी के लोगो की पहुँच बैंक के कंप्यूटर सिस्टम तक थी ये लोग घर से ही SWIFT system को लॉग इन कर सकते थे ये पांच स्तरीय पासवर्ड शेट्टी ने दिए थे

सीबीआई के अनुसार  नीरव मोदी 1जनवरी को देश छोड़कर जा चुका है जिसके बाद 6 जनवरी को उसके भाई, बीबी, और मामा भी देश छोड़कर जा चूके है नीरव मोदी पर ग्यारह हजार तीन सौ पैतालिस करोड़ का चार्ज लग रहा है जिसमे अभी तक  6393करोड़ की सम्पत्ति पर प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉंडरिंग के खिलाफ कारवाई की है साथ ही नीरव नोदी और मेहुल चोकसी के पासपोर्ट रद्द कर दिए गए हैं

सीबीआई ने नीरव मोदी के कंपनी फायर स्टार के वित्त अध्यक्ष विपुल अम्बानी और पीएनबी के ब्राडी हाउस ब्रांच के महा प्रबंधक राजेश जिंदल जो  2009-11 मे ब्रांच प्रमुख हुआ करते थे उनके साथ पांच अन्य लोगो को गिरफ्तार कर लिया है
सवाल ये है, 2011से चल रहे स्कैम पर पीएनबी के ऑडिटर्स का ध्यान कैसे नही गया।

सात साल तक बैक के ऑफिसर्स और ऑडिटर्स ने बैंक के SWIFT , CBS system और नोस्ट्रो अकाउंट की समीक्षा ही नही की क्या ये संभव है

पीएनबी ने पहले भी इसी तरह से पैसे गवाए है एक आरटीआई के तहत पीएनबी को पिछले पांच सालों मे 389 केस मे करीब 6500करोड़ का नुकसान हुआ है जिसमे अब नीरव मोदी स्कैम भी जुड़ जाएगा

4-5 साल पहले विनसम ग्रुप जो डायमंड का बिजनेस था उसके ओनर ने भी पीएनबी के 1800करोड़ का लोन रिपे नही किया और इंडिया छोड़कर भाग गया था

अक्टूबर 2017 सरकार ने करीब दो लाख करोड़ का रिकैप्टलाईजेसन का प्लान बनाया जिसके पहले फेज मे सरकार करीब 88,000 करोड़ रू पीएसयू बैंक को दे रही है जिसमे 5473 करोड़ रू पीएनबी को मिलने वाले है

टैक्स पेयर्स का पैसा बैंक किस तरह से बर्वाद कर रही है ये तो सबके सामने है पर सवाल यही है कि कब तक विजय माल्या या नीरव मोदी को भागने दिया जाएगा

क्यो नही सरकार सभी डिफॉल्टर्स पर एक्शन लेती है सुना है चीन मे डिफॉल्टर्स को काली सूची मे डाल देते है जिसके तहत जब तक वो अपना लोन का पूरा भुगतान नही कर देते तबतक हवाई जहाज से यात्रा नही कर सकते है लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन नही कर सकते उन्हे प्रमोशन भी नही दिया जाता है उनके बच्चे मंहगे स्कूल मे नही पढ़ सकते

डिफॉल्टर्स थ्री स्टार या उससे ज्यादा महंगे होटल मे नही ठहर सकते है

क्या भारत सरकार ऐसे सख्त नियम डिफॉल्टर्स पर लागू नही कर सकती या सरकारे ऐसे ही विजय माल्या और नीरव मोदी को भागने मे मदद करती रहेगी मीडिया उसे मसाला बनाकर हमे पेश करती रहेगी और  हम सब सिर्फ देखते रहेंगे।
                                                     स्कैम  पर  राजनीतिक  संग्राम 

कांग्रेस ने मुख्य आरोप लगाए 
1-पीएमओ को जुलाई 2016 मे ही पीएनबी स्कैम से रीलेटेड दस्तावेज सबूत और 42 शिकायत की प्रतियो को बैंगलोर के हरिप्रसाद ने दी थी इसके बाबजूद पीएम ने इतने बड़े स्कैम को अपनी नाक के नीचे होने दिया इसे रोकने के लिए कोई कदम नही उठाया गया उन्ह् भागने दिया गया।

बताया जा रहा है 26जूलाई 2016 को बैंगलोर के डायमंड कारोबारी हरीप्रसाद जी ने चिट्ठी


लिखी थी  जिसमे आशंका जतायी गयी था कि जैसे माल्या देश छोड़कर चले गए ठीक उसीप्रकार गीतांजलि जेम्स के मालिक मेहुल चौकसी भी जा सकते है जिसके तीन दिन बीद उन्होने एक और खत लिखा जिसमे उन्होने पूछा कि उनकी शिकायत पर क्या कार्यवाही हुयी है साथ ही चेताया कि अगर देर हुई तो वो भाग भी सकता है जिसका जबाव मे कहा गया कि उनकी शिकायत को आर ओ सी यानी रजिस्ट्रार ऑफ कम्पनी जो कम्पनियो की वित्तीय अनियमिताओ को देखती है उसे फारवर्ड कर दिया गया है आर ओ सी के पास से रिप्लाई आया कि उनकी शिकायत का समाधान कर दिया गया है शिकायत को बंद कर दिया गया है
हरिप्रसाद  जी का मेहुल चौकसी से कनेक्शन 
हरिप्रसाद जी का मेहुल चोकसी से विवाद था कि उन्होंने चोकसी से गीतांजलि कि फ्रंचाइजी ली थी दस करोड़ रू मे जिसमे चोकसी ने साड़े चार लाख का किराया और चार लाख की अन्य रकम देने की बात की पर उन्हे ये पैसे नही दिये गए तो उन्होने एक एफआईआर दर्ज करवाई जिसका कोई रिकार्ड नही है

2-नीरव मोदी की पीएम से दावोस मे मुलाकात की फोटो पर कमेंट किया।



23जनवरी 2018की तस्वीर  पीएम 48 शिखर सम्मेलन मे शामिल होने दावोस गए जहाँ पर 119 देशो के 2000 प्रतिनिधि मौजूद थे  जिसमे कुछ लोग भारत से भी गए थे जो पीएम के साथ नही गए थे क्योंकि इसमे कोई भी  सदस्य स्वयं रजिस्ट्रेशन करवाकर जा सकता था  जिसमे नीरव मोदी भी स्वयं रजिस्ट्रेशन करवा कर ही गए थे और इसका आयोजन इंटरनेशनल चेंबर ऑफ कॉमर्स ने किया था

इसमे पीएम की कोई जिम्मेदारी नही बनती।

3- एक वीडियो पेश किया जिसमे पीएम ने मेहुल चोकसी का नाम लिया है

ये 5 नवंबर 2015का वीडियो है जिसमे पीएम ने स्कीम लांच की थी गोल्डमोनटाइजेशन स्कीम

जिसमे तीन स्कीम थी जिसमे उन्होंने गोल्ड की सहूलियत और उसकी पालिसी का जिक्र करते हुए  बहूत सारी बाते बतायी थी उस दौरान पीएम ने कहा था कि अगर हम किसी बड़े ब्रांड का सोना खरीदते है तो गॉव के सुनार को जरूर दिखाते है कि देखो ये कैसा है और जो महिलाएं सोना खरीदती है वो अपने सुनार को जरूर दिखाती है कि यह कैसा है चाहे वो जितने बड़े ब्रांड का क्यों न हो मेहुल भाई यहाँ बैठे है वो सब जानते है
बीजेपी  का स्टेटमेंट 
बीजेपी ने कहा स्कैम पिछली सरकारो की देन है हम एक्शन लेंगे और ये भी  कहा कि फोटो की राजनीति न करे चौकसी के साथ उनकी अंतरंग फोटो बड़े नेताओ के पास है रविशंकर प्रसाद जी ने कहा कि कद और पद की परवाह किये बिना एक्शन लिया जाएगा।
इस दौरान 16 फरवरी को इलाहाबाद बैंक के पूर्व निर्देशक दिनेश दूबे ने बताया कि ये स्कैम यूपीए के समय मे शुरू हुआ और एनडीए मे बढ़कर 10-50गुना हो गया 2013 मे उन्होने आरबीआई और सरकार को पत्र लिखकर गीतांजली ग्रुप को  लोन देने पर विरोध दर्ज किया था लेकिन जब उनपर इसके लिए  दबाब डाला गया तो उन्होंने  इस्तीफा दे दिया

पूर्व कांग्रेस नेता राहुल गांधी और नीरव मोदी की दोस्ती का खुलासा किया
पूर्व  कांग्रेस नेता  ने राहुल गाँधी और नीरव मोदी की  दोस्ती का  खुलासा किया 

पूर्व कांग्रेस नेता शहजाद पूनावाला जो राबर्ट वाड्रा के जीजा तहसीन पूनावाला के भाई है उन्होंने खुलासा किया है कि राहुल गांधी के मेहुल चौकसी और नीरव मोदी से सम्बंध है राहुल गांधी 2013 मे नीरव मोदी के निजी कार्यक्रम मे इम्पीरियल होटल मे शामिल हुए थे








 जिस दौरान वो नीरव मोदी के साथ कॉकटेल मे शामिल हो रहे थे  तभी इलाहाबाद बैंक के तत्कालीन निर्देशक ने वित्त मंत्रालय को बताया कि गड़बड़ी है और  लोन नही देना चाहिए लेकिन उन्हें सताया गया इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया यह सब किसके इशारे पर किया गया

साथ ही एक ट्वीट मे  पूनावाला ने लिखा कि मै राहुल गांधी  को चुनौती देता हूँ  कि वो इंकार कर सकते है कि उन्होने साल 2013 मे  नीरव मोदी के कार्यक्रम मे इम्पीरियल होटल मे हिस्सा नही लिया था यदि SPG की जानकारी सार्वजनिक कर दी जाए तो इस बात मे जरा भी  संदेह नही रह जाएगा कि पीएनबी स्कैम 2011 मे हुआ था और राहुल गांधी नीरव मोदी से 2013 मे मिले जब कांग्रेस की सरकार थी राहुल को महिलाओं की ज्वेलरी मे इन्टरेस्ट था या किसी और चीज मे।

स्कैम ओपन होने वाले दिन सभी विपक्षी दल नीरव मोदी के सरनेम को पीएम से कनेक्ट करके सारा आरोप पीएम पर लगा रहे थे लेकिन सारे तथ्यो को देखने के बाद समझदार व जागरूक नागरिक को पता चल ही गया होगा कि स्कैम मे किसका हाथ है और उस हाथ के साथ कौन है


स्कैम  अपडेट 


  • पीएनबी की पूर्व एमडी ऊषा अनंत सुब्रमणियन और संजीव शरण पर सीबीआई मुकदमा करेगी। इसके लिए केंद्र सरकार से इजाजत भी मिल गई है। बैंक घोटाले पर सख्ती करते हुए वित्त मंत्रालय ने ऊषा अनंत सुब्रमणियन को इलाहाबाद बैंक के एमडी और सीईओ पद से भी हटा दिया है। नीरव मोदी मामले में सीबीआई ने ऊषा अनंथ सुब्रमणियन को आरोपी बनाया था। नीरव मोदी घोटाले के दौरान ऊषा अनंथ सुब्रमणियन पंजाब नेशनल बैंक में ईडी थीं। ऊषा अनंथ सुब्रमणियन आज रिटायर हो रहीं थी। ऊषा अनंथ सुब्रमणियन रिटायरमेंट से ठीक पहले बर्खास्त की गई हैं। 15 मई 2018 को ऊषा अनंथ सुब्रमणियन को इलाहाबाद बैंक के सीईओ और एमडी पद से हटाया गया था। सरकार ने ऊषा अनंथ सुब्रमणियन के खिलाफा अभियोग चलाने की भी अनुमति दे दी है। सीबीआई ने उन पर अभियोग चलाने की अनुमति मांगी थी। इसके संजीव शरण के खिलाफ भी अभियोग चलाने की अनुमति दी गई है। संजीव शरण पंजाब नेशनल बैंक के ईडी रह चुके हैं।



नीरव मोदी मामले में पीएनबी की पूर्व एमडी ऊषा अनंत सुब्रमणियन और संजीव शरण पर सीबीआई मुकदमा करेगी। इसके लिए केंद्र सरकार से इजाजत भी मिल गई है। बैंक घोटाले पर सख्ती करते हुए वित्त मंत्रालय ने ऊषा अनंत सुब्रमणियन को इलाहाबाद बैंक के एमडी और सीईओ पद से भी हटा दिया है। नीरव मोदी मामले में सीबीआई ने ऊषा अनंथ सुब्रमणियन को आरोपी बनाया था। नीरव मोदी घोटाले के दौरान ऊषा अनंथ सुब्रमणियन पंजाब नेशनल बैंक में ईडी थीं।
ऊषा अनंथ सुब्रमणियन आज रिटायर हो रहीं थी। ऊषा अनंथ सुब्रमणियन रिटायरमेंट से ठीक पहले बर्खास्त की गई हैं। 15 मई 2018 को ऊषा अनंथ सुब्रमणियन को इलाहाबाद बैंक के सीईओ और एमडी पद से हटाया गया था। सरकार ने ऊषा अनंथ सुब्रमणियन के खिलाफा अभियोग चलाने की भी अनुमति दे दी है। सीबीआई ने उन पर अभियोग चलाने की अनुमति मांगी थी। इसके संजीव शरण के खिलाफ भी अभियोग चलाने की अनुमति दी गई है। संजीव शरण पंजाब नेशनल बैंक के ईडी रह चुके हैं



नीरव मोदी मामले में पीएनबी की पूर्व एमडी ऊषा अनंत सुब्रमणियन और संजीव शरण पर सीबीआई मुकदमा करेगी। इसके लिए केंद्र सरकार से इजाजत भी मिल गई है। बैंक घोटाले पर सख्ती करते हुए वित्त मंत्रालय ने ऊषा अनंत सुब्रमणियन को इलाहाबाद बैंक के एमडी और सीईओ पद से भी हटा दिया है। नीरव मोदी मामले में सीबीआई ने ऊषा अनंथ सुब्रमणियन को आरोपी बनाया था। नीरव मोदी घोटाले के दौरान ऊषा अनंथ सुब्रमणियन पंजाब नेशनल बैंक में ईडी थीं।
ऊषा अनंथ सुब्रमणियन आज रिटायर हो रहीं थी। ऊषा अनंथ सुब्रमणियन रिटायरमेंट से ठीक पहले बर्खास्त की गई हैं। 15 मई 2018 को ऊषा अनंथ सुब्रमणियन को इलाहाबाद बैंक के सीईओ और एमडी पद से हटाया गया था। सरकार ने ऊषा अनंथ सुब्रमणियन के खिलाफा अभियोग चलाने की भी अनुमति दे दी है। सीबीआई ने उन पर अभियोग चलाने की अनुमति मांगी थी। इसके संजीव शरण के खिलाफ भी अभियोग चलाने की अनुमति दी गई है। संजीव शरण पंजाब नेशनल बैंक के ईडी रह चुके हैं



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