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Friday, 19 June 2020

आत्मसमीक्षक बनिए। कायर नही ।।


मै रूठी तो तुम भी रूठ गए, तो फिर मनाएगा कौन ??
आज दरार है कल खाई होगी, फिर भरेगा कौन ??
मै भी चुप तुम भी चुप, फिर ये चुप्पी को तोड़ेगा कौन??
छोटी छोटी बात को दिल से लगा लोगे, तो ये रिश्ता निभायगा कौन??
न मै राजी न तुम राजी, फिर माफ करेगा कौन??
जिंदगी नही मिली हमेशा के लिए....      
कल को कोई एक न रहा, फिर पछताएगा कौन???? 😔😔


मै किसी को आत्महत्या करने या न करने के फैसले को सही या गलत नही कहने जा रही हूँ।
क्योंकि पता है कोई भी इंसान इतनी आसानी से अपनी लाइफ खत्म नही करना चाहता। कभी अपने सम्मान को बचाने के लिए ऐसा करता तो कभी इसे अपनी सभी समस्याओं का हल समझता है।
लेकिन कभी कोई इसके आगे का सोचता है शायद नही । कहा जाता है कि स्वार्थी लोग ही आत्महत्या करते है क्योकि वो सिर्फ अपना सोचते है परिवार या करीबियों का नहीं।
जरूरी नही कि लाइफ के जरूरी अनुभव आपको किस्से कहानियों से या पर्सनल अनुभव से ही प्राप्त हो कभी कभी कुछ सपने भी आपको बड़ा लेसन दे जाते है अगर आप उसको अच्छे से ले तो।
ऐसा ही एक सपना मुझे आया था जब मै 8 या 9 साल की थी मेरे समर विकेशन चल रहे थे और उन दिनो टीवी पर हॉरर शो का काफी क्रेज था। उन दिनो घर मे कुछ मंथली मैगजीन्स थे जिसमे कुछ डरावनी नही लेकिन काफी एडवेनचरेस कहानियाँ थी ।
अब कहते है न आप जिस किसी चीज मे इन्ट्रेस्टेड होते है या आपके दिमाग मे जो विषय हमेशा रहते है सपने भी उसी से रिलेटेड आते है 
तो उसी समय एक रात मुझे सपना आया कि एक बहुत बड़ी बैंप (लेडी ड्रैकुला) हमारी टैरेस के एक साइड पर आ गयी है, दोपहर का समय, हर जगह सन्नाटा था और मै टैेरेस पर अकेले ही थी। मुझे डर नही लगा मैने सोचा जबतक ये मेरे पास आएगी मै सीढ़ियों से नीचे चली जाउंगी। फिर ये मेरा कुछ नही कर पाएगी।
मै थोड़ी दूर ही जा पाई थी कि उसने उड़कर मुझे पकड़ लिया। ये सब होते हुए मेरी एक चाची जी चुपचाप से देख रही थी उस बैंप ने कहा कि अगर ये कहेंगी तो मै तुम्हे जाने दुंगी। मैने उन्हें आवाज लगाई और मुझे बचाने को कहा , लेकिन वो कुछ नही बोली परिणामस्वरूप बैंप ने मुझे मार दिया। जब शाम को मेरी फैमिली ने मेरी डेडबॉडी टैरेस पर देखी जो मुझे एक स्टफ जैसी लग रही थी। शरीर मर चुका था पर आत्मा वही थी जो सबको रोते हुए देखकर बहुत दुखी थी मन मे गुस्सा था कि बच सकती थी लेकिन बचाया नही गया। यही बात परिवार के सदस्यो को बता रही थी लेकिन कोई भी मुझे सुन या देख नही पा रहा था ।
जब जागी तो एहसास हुआ। क्या होती है मरने के बाद की स्थिति । तबसे एक बात तो डिसाइड कर ली जो लोग जा चुके है मुझे छोड़कर,उनके लिए न ही रोना न ही सैड होना। क्योकि ये देखकर उन्हे कितना दुख पहुंचाता है ये मै महसूस कर चूकी थी।
कुछ लोगो को आदत होती है दिन मे चार से सात या आठ बार ये कहकर हॉफ आत्महत्या करने की। कि मर जाएंगे !!
या काश मर जाते !!
या भगवान जी से कहते रहते कि वो मर क्यो नही जाते !!
या फिर उनके अपने- अपने तरीके से स्वयं को मारते रहते । बिना इस बात की परवाह किए कि पैरेंटस या फैमिली को ये सुनकर कितना बैड फील होता होगा फिर क्या पता फैमिली को टॉर्चर करने के लिए ही ऐसी बाते कही जाती होगी। कभी नही सोचते कि क्या पैरेंटस ने उनको मरने के लिए ही इतने प्यार से बड़ा किया, ख्याल रखा, ये दिन देखने के लिए इंतजार कर रहे थे कि ऐसे बच्चे बड़े होकर अपने पैरेंटस को ऐसे ताने मारकर तिल तिल मारे। 😡
कभी सोचा अपने बच्चे की डेडबॉडी देखकर पैरेंटस पर क्या बीतती है अरे ! भाई बहन तो दूर की बात कजिंस भी बहुत सैड हो जाते है । सभी स्पेशल मोमेंट्स मे मिस करते है 😔😔
इतना ही नही लाइफ पार्टनर की डेडबॉडी भी बहुत हर्ट कर जाती है  बात करते है मेरे दादी जी की जिनको खत्म हुए ग्यारह महीने ही हुए होंगे । दादा जी और दादी जी बेस्ट कपल मे से एक थे जिसे कहते है न "मेड फॉर इच अदर"
दादी जी के जाने से दादा जी टूट से गए क्योकि हर पल हर कदम साथ रहती, ख्याल रखती थी वो अब उनके साथ नही है। और मेन लीड ऑफ लाइफ मेरी मम्मी एक आदर्श नारी और बेस्ट बहु ऑफ माई फैमिली क्योकि जब पापा जी नही रहे तब हम सब बहुत छोटे थे फाइनेंसली स्ट्रांग थे तो बेसिक नीड्स की कभी कमी नही हुई लेकिन जब हसबैंड पॉवरफुल हो परिवार बड़ा हो तो लाइफ हर फैसला लेते समय परिवार की इज्जत मान मर्यादा का ख्याल रखना पड़ता है जो मेरी मम्मी ने बहुत ग्रेसफुली किया आज जब सोसाइटी के बुजुर्ग मेरी मम्मी की तारीफ करते है तो उनपर गर्व होता है डर लगता है कही मेरी वजह से उनका नाम न खराब हो जाए मेरे लिए तो वो किसी वीरांगना से कम नही।

शुरुआत कायरो से की थी खत्म एक वीरांगना पर करती हूँ चाहती तो वो भी आत्महत्या कर सकती थी कि भगवान ने उनके साथ इतना गलत कैसे किया लेकिन वो बहादुर थी कायर नही !!😏
उनकी लाइफ मेरे लिए प्रेरणादायक है तो मै कभी भी आत्महत्या जैसा तो कुछ नही कर सकती ।
और अगर मै मर जाउ तो प्लीज मेरा ये ब्लांग देखकर समझ लेना किसी ने मुझे निपटाया है मै आत्महत्या कर ही नही सकती क्योकि मुझे पता है मेरी फैमिली बहुत ज्यादा ही सैड हो जाएगी जो मरने के बाद भी मेरे से देखा नही जाएगा।
खैर लाईफ मे करियर मे फेलियर मिले तो फर्क नही पड़ना चाहिए। कोई स्पेशल इंसान चला जाए तो भी फर्क नही पड़ना चाहिए। कोई धोखा भी दे तो फर्क नही पड़ना चाहिए !!
दुख होता है लेकिन भगवान ने आपको अपना जीवन खत्म करने का अधिकार नही दिया ये गैरकानूनी भी है। और पाप भी है।
वैसे भी बहादुर लोग जिस चीज की शुरुआत करते है उससे सम्बंधित सभी लेवल को पार करते हुए उसे एक अच्छे अंत तक ले जाते है बीच मे छोड़कर भागने वाले को कायर या डरपोक कहते है। और मै गर्व से कह सकती हूँ कि मै ऐसी कायर तो नही हूँ। आप लोग अपना देख लेना ।🙂

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